जलियांवाला बाग हत्याकांड, चंद लाइने शहीदों के नाम।

13 अप्रैल 1919, जलियावाला बाग़ हत्याकांड में शहीद हुए देशभक्तो को अश्रुपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि

सोलह सौ पचास गोलियां, चली हमारे सीने पर। पैरों में बेड़ी डाल, बंदिशें लगी हमारे जीने पर।

रक्त पात करुणाक्रंदन, बस चारों ओर यही था। पत्नी के कंधे लाश पति की, जड़ चेतन में मातम था।

इंक़लाब का ऊँचा स्वर, इस पर भी यारों दबा नहीं। भारत माँ का जयकारा, बंदूकों से डरा नहीं।

लाशें बच्चे बूढ़ों की, टूटे फूलों सी बिखरी थीं। आज़ादी की बलिवेदी, पर शोणित बूँदें उभरी थीं।

ललकार बन गयी चीत्कार, गुलजार जगह शमशान हो गयी। तारीख बदलती रही मगर, वो घड़ी वहीं पर ठहर गयी।

धूल धूसरित धरा खून में, अंगारों सी दहक रही थी। कतरा-कतरा शोला था, क्रांति शिखाएं निकल रही थी।

इसी धूल से भगत सिंह सा, बलिदानी उत्पन्न हुआ। ऊधमसिंह से क्रांति दूत ने, सारी दुनियां को सन्न किया।

अमृतसर की आग हिन्द में, धीरे - धीरे छायी थी। भारत माँ की हथकड़ियाँ, कटने की बारी आयी थी।

भारत आज़ाद हो गया था, अपना आकाश हो गया था। इंक़लाब का शोर कागजों, में ही दबा रह गया था।

बलिदानों की प्रथा देखिए, लिपटी रही तिरंगे में। बेज़ार भारती माता देखो, अब भी दिखती सदमें में।।

Comments

Popular Posts

आखिरकार मौजू की ढाणी से ब्लॉक समिति के पूर्व सदस्य व बीजेपी मंडल महामंत्री समिन्द्र कम्बोज के द्वारा उठाई गई मांग को पंख लगते नजर आ रहे हैं और शीघ्र ही सरकार द्वारा मौजू की ढाणी में बनने वाले भाखड़ा नहरी पानी सप्लाई को लेकर बनने वाले जलघर को मंजूरी मिल सकती है। इसको लेकर जनस्वा्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस जलघर के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए हरियाणा सरकार को भेजा गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा मंजूरी मिलते ही और बजट जारी होते ही टेंडर करवा दिए जाएंगे।